क्या खोजा भारत या इंडिया

Kya Khoja Bharat Ya India

Hindi Other(अन्य)
Availability: In Stock
₹ 100
Quantity
  • By : Rajesharya Atta
  • Subject : Kya Khoja Bharat Ya India
  • Category : History
  • Edition : 2021
  • Publishing Year : 2021
  • SKU# : N/A
  • ISBN# : N/A
  • Packing : Paperback
  • Pages : 144
  • Binding : Paperback
  • Dimentions : 14X22X2
  • Weight : 500 GRMS

Keywords : Kya Khoja Bharat Ya India

प्रबुद्ध पाठक ! यह कैसी विडम्बना है कि ईस्ट इण्डिया कम्पनी के जिन नौकरों- क्लाइव, डलहौजी आदि का इंग्लैण्ड के इतिहास में कोई विशेष स्थान नहीं है, पर भारत के इतिहास लेखकों ने उन्हें ‘लार्ड' बनकर खड़ा किया हुआ है। पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने अफगानिस्तान यात्रा के समय देखा कि भारत में जिस महमूद गजनवी को वीर योद्धा के रूप में प्रस्तुत किया जाता है उस लुटेरे का व उसके गजनी का अफगानिस्तान के इतिहास व वर्तमान में कोई विशेष स्थान नहीं है। इसी तरह डॉ० वेदप्रताप वैदिक ने काबुल में बाबर की जर्जर हुई कब्र देखी थी, क्योंकि वे लोग आक्रमणकारी का सम्मान नहीं करते, पर भारत में बाबर व उसके वंशजों के नाम पर सैकड़ों मार्ग, भवन (कब्र, मकबरे आदि) व शहरों के नाम जगमगाते हैं। जबकि उन क्रूर आततायियों से टकराने वाले महाराणा संग्रामसिंह व हेमचन्द्र विक्रमादित्य जैसे भारतीय महावीरों का काम तो छोड़िये, इतिहास में नाम भी बिगड़ा हुआ मिलता है - सांगा, हेमू । -

इसका कारण यह है कि भारत का इतिहास लिखने वाले सरकार से मान्यता प्राप्त लेखकों में राजनैतिक भावना (मुस्लिम तुष्टिकरण) घुस गई और ऐसी ही मानसिकता के राजनैतिक लोगों ने उनका समर्थन व संवर्धन किया । तभी तो नेहरू जी ने पं० अयोध्याप्रसाद जैसे अरबी, फारसी, संस्कृत आदि अनेक भाषाओं के विद्वान् को ईरान का राजदूत इसीलिये नहीं बनाया क्योंकि वे आर्यसमाजी थे, जबकि भारतीय संस्कृति व साहित्य से सर्वथा शून्य व अरब में जन्मे-पढ़े अबुल कलाम आजाद को भारत का शिक्षा मंत्री बना दिया। स्वयं नेहरू जी ने 'भारत की खोज' पुस्तक में भारत के मूल निवासी आर्यों को तो विदेशी लिखा है व मुस्लिम आक्रान्ताओं को भारतीय जैसा बना दिया । 

Related products