व्याकरणशास्त्रीय श्लोकवार्तिकार्थ-पारिजात:

Vyakaranshastriy Slokvartikarth Parijat

Sanskrit-Hindi Other(अन्य)
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  • By : Dr. Ramprakash Varni
  • Subject : Vyakaranshastriy Slokvartikarth Parijat
  • Category : Sanskrit Grammer
  • Edition : 2022
  • Publishing Year : 2022
  • SKU# : N/A
  • ISBN# : 9788171108220
  • Packing : 1
  • Pages : 746
  • Binding : Hardcover
  • Dimentions : 20X26X6
  • Weight : 900 GRMS

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प्रस्तुत ग्रन्थ में जिन श्लोकवार्तिकों की व्याख्या की गयी हैं, वे एककर्तृक न होकर ज्ञाताज्ञात अनेक महावैयाकरणों की रचनाएँ हैं। इनमें से अधिकांशतः श्लोकवार्तिक 'महाभाष्यम्' में अपने 'में वर्तमान रूप में ज्यों के त्यों पढे गये हैं तथा कुछ कई सुसंक्षिप्त-वार्तिकों के संग्रह रूप हैं। अथ च कुछ श्लोकवार्तिक ऐसे भी हैं, जो कि ‘महाभाष्यम्' में उपलब्ध न होकर ‘काशिकावृत्ति' में उद्धृत हैं। प्रायश: इन श्लोकवार्तिकों में ऐसे वार्तिकों की भूयसी-संख्या है जो कि 'वररुचिकात्यायन' के द्वारा प्रणीत हैं । अस्तु, जो भी हो, ये हैं अत्यन्त महत्त्वपूर्ण । वैयाकरणनिकाय में इनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। अपरञ्च इन में व्याकरणशास्त्रीय- शास्त्रार्थ सम्बन्धी अनेक निगूढाकूतियों के बीज सन्निहित हैं, इसलिए ये निश्चय ही बह्वर्थगर्भनिर्भर होने के कारण दूभर से हो गये हैं। सामान्य पाठकों के लिए इनके हार्दभावों को समझ पाना अशक्य नहीं तो दुःशक्य अवश्य । प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं वार्तिकों की विस्तृत विवेचना की गई है। प्रकृत ग्रन्थ के लेखक ने निम्नाङ्कित पाँच बिन्दुओं के माध्यम से अपनी विवेचना प्रस्तुत की है- १. सन्दर्भ, २. अवतरण, ३. अन्वय एवं अन्वयार्थ, ४. व्याख्या, ५. विशेष ।

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