छान्दोग्योपनिषत्
Chhandogyopnishatt (set og 2 vol.)
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- By : Swami Tribhuvandas
- Subject : Chhandogyopnishatt (set og 2 vol.), छन्दोग्योपनिषत्
- Category : Sanskrit Literature
- Edition : 2019
- Publishing Year : 2019
- SKU# : N/A
- ISBN# : 9788170848219
- Packing : 2 vol.
- Pages : 1160
- Binding : Hardcover
- Dimentions : 14X22X6
- Weight : 1500 GRMS
Keywords : Chhandogyopnishatt (set og 2 vol.) छन्दोग्योपनिषत्
छांदोग्य उपनिषद् सामवेदीय छान्दोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। इसके आठ प्रपाठकों में प्रत्येक में अनेक खण्ड हैं। यह उपनिषद ब्रह्मज्ञान के लिये प्रसिद्ध है। संन्यासप्रधान इस उपनिषद् का विषय अपाप, जरा-मृत्यु-शोकरहित, विजिधित्स, पिपासारहित, सत्यकाम, सत्यसंकल्प आत्मा की खोज तथा सम्यक् ज्ञान है जो 8-7-1 में उल्लिखित इन्द्र को दिए गए प्रजापति के उपदेश में उल्लिखित है।
प्रपाठक आठ के खण्ड १५ के अनुसार इसका प्रवचन ब्रह्मा ने प्रजापति को, प्रजापति ने मनु को और मनु ने अपने पुत्रों को किया जिनसे इसका जगत् में विस्तार हुआ। यह निरूपण बहुधा ब्रह्मविदों ने संवादात्मक रूप में किया। श्वेतकेतु और उद्दालक, श्वेतकेतु और प्रवाहण जैबलि, सत्यकाम जाबाल और हारिद्रुमत गौतम, कामलायन उपकोसल और सत्यकाम जाबाल, औपमन्यवादि और अश्वपति कैकेय, नारद और सनत्कुमार, इंद्र और प्रजापति के संवादात्मक निरूपण उदाहरण सूचक हैं।