पुस्तक का नाम – बड़ों की बड़ी बातें
लेखक का नाम – प्रा. राजेन्द्र जिज्ञासु
संसार में कहानी सुनाकर सीख देने की परम्परा बहुत पुरानी है। सब देशों में कहानी साहित्य सदा लोकप्रिय रहा है। भारतीय कहानी साहित्य का विश्व साहित्य में एक विशेष स्थान है। पंचतन्त्र व हितोपदेश की संसार के कहानी साहित्य में एक अलग प्रकार की अपनी पहचान है।
कहानियों के मुख्य रूप से दो प्रकार देखने को मिलते हैं –
(1) ऐतिहासिक घटनायें (2) कल्पित कहानियाँ अथवा दृष्टान्त।
हमारे देश में दोनों प्रकार के कहानी साहित्य का प्रचलन रहा है। रामायण, महाभारत के ऐतिहासिक पात्रों की कहानियाँ तो हमारे धर्माचार्य व कथावाचक सुनाते ही आ रहे हैं। बच्चों को संस्कारित करने के लिए पंचतन्त्र की कहानियाँ भी लोकप्रिय रही हैं व रहेंगी। बौद्ध ग्रन्थों की जातक कथाऐं भी दृष्टान्त में हृदयस्पर्शी हैं।
उन्नीसवीं शताब्दी में आर्यसमाज के साधु महात्माओं व उपदेशकों में स्वामी दर्शनानन्द जी महाराज का दृष्टान्त – सागर एक लम्बे समय तक लोकप्रिय रहा।
आर्य समाज के प्रसिद्ध विद्वान श्री पं. बिहारीलाल जी शास्त्री ने इसी उद्देश्य से एक पुस्तक लिखी।
आर्यसमाज के यशस्वी नेता व संन्यासी स्वामी स्वतन्त्रतानन्द जी के दृष्टान्तों की विधा ही नई थी। वे प्रायः ऐतिहासिक सच्ची घटनाओं को दृष्टान्त के रूप में सुनाते थे। वे प्रायः ऐतिहासिक सच्ची घटनायें दृष्टान्त के रूप में सुनाया करते थे। वे ऐसी घटनाओं का एक अटूट भण्डार थे परन्तु उनके द्वारा सुनाई गई घटनाओं का कोई संकलन नहीं हो सका।
इसी प्रकार आर्यसमाज के विद्वानों से जुड़ी कुछ सत्य ऐतिहासिक कथाओं का सङ्कलन प्रस्तुत पुस्तक “बड़ों की बड़ी बातें” में किया गया है।
इस पुस्तक में दी गई कथाऐं दृष्टान्त देने में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी। इसके द्वारा कोई भी उपदेशक या भजनोपदेशक अपने उपदेशों और प्रवचनों को प्रभावशाली बना सकता है।
Badon ki Badi Baten
बड़ों की बड़ी बातें
Badon ki Badi Baten
₹70.00
Author: Rajendra 'Jigyasu'
Category History (इतिहास)
puneet.trehan हिन्दी
Subject: SWAMI DAYANAND SARASWATI His Life And Teachings
Pages: 224
Bindingpaperback
Dimensions: 14X22X4
Weight: 240gm
Description
Additional information
Weight | 6415688 g |
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Dimensions | 14224 cm |
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