Vedrishi

भारतीय चिंतन परंपरा में यज्ञ

Bhartiya Chintan Parampara Men Yagya

750.00

Subject: Bhartiya Chintan Parampara Men Bhakti
Edition: 2018
Publishing Year: 2018
Pages: 70
Bindinghardcover
Dimensions: 14X22X6
Weight: 400gm

सृष्टि के आदि में प्राप्त वेदों में ज्ञान के साथ-साथ अन्य नैतिक कर्मों का विशद वर्णन किया गया है। यज्ञ भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख अङ्ग है । यह मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन से जुड़े होने के साथ-साथ परलोक में प्राप्त अन्य सुखों से भी जुड़ा होता है। यज्ञ की प्राचीनता यजुर्वेद तथा सभी वेदों के ब्राह्मणों से सिद्ध है। यज्ञ व्यावहारिकता की दृष्टि से भी प्रसिद्ध है, यज्ञोपरान्त ब्राह्मणों एवं अन्य गरीबों को दिया जाने वाला दान, भारतीय समाज में प्रसिद्ध है।

यज्ञ अपनी वैज्ञानिकता के लिए भी प्रसिद्ध है। यज्ञ में हवि के रूप में अर्पित किये गये द्रव्य पर्यावरण के संरक्षण में लाभदायक सिद्ध होते हैं। यज्ञ में अर्पित शक्कर, घी, मधु आदि द्रव्य जलने के बाद पर्यावरण में उपस्थित अनेक हानिकारक किटाणुओं का नाश कर देते हैं। यज्ञ से होने वाला धुआँ वृक्षों के लिए भोजन का कार्य करता है। अपना ईष्ट प्राप्त करने के लिए भी अनेक यज्ञों का वर्णन किया गया है। यज्ञकर्म से प्राप्त अदृष्ट मनुष्य के इस जन्म के साथ-साथ अगले जन्म के लिए भी कल्याणकारक सिद्ध होता है।

यज्ञ धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध होने के साथ-साथ आध्यात्मिक, व्यावहारिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि से सभी का कल्याण करने वाला है। भारतीय समाज में यज्ञ की महत्ता को सर्वजन्य करने के लिए "भारतीय चिन्तन परम्परा में यज्ञ" नामक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है । 

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