Vedrishi

चतुर्वेद गंगा लहरी

Chatruveda Ganga Lahari

220.00

SKU #NULL
Packing: 3 Volumes
Pages: NULL
BindingHard Cover
Dimensions: NULL
Weight: NULLgm

पुस्तक का नाम – चतुर्वेद गंगा लहरी (हिंदी अंग्रेजी )
लेखक डा. सत्यव्रत सिद्धांतलन्कार जी 
यह पुस्तक पहले अंग्रेजी में लिखी गयी थी | इसका नाम ग्लिम्पसेज ऑफ़ दी वेदाज था | फिर इस पुस्तक को लेखक ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों अनुवाद के साथ “ चतुर्वेद गंगा लहरीके नाम से रखा | यह पुस्तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों समझने वालो की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण है | जो व्यक्ति हिंदी जानते है वे भी इस पुस्तक से जान जायेंगे कि मैक्समूलर , सर विलियम जोन्स ,मैटरलिंक , शोपनहार , आदि विदेशी लोग किस तरह वेद और वैदिक संस्कृति से प्रभावित हुए | इस पुस्तक में चारो वेदों के १०० -१०० के लगभग मन्त्र चुने है इस पुस्तक की निम्न विशेषताए है
(१) प्रत्येक वेद से ऐसे ऐसे सूक्त चुने गये है जो देनिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति के काम आते है | इनमे से कई सूक्त ऐसे भी है जिनसे अनेको लोग परिचित है और उनका अर्थ समझने में उन्हें विशेष कठिनाई भी नही होगी |
(२) ऐसे सूक्तो या अध्यायों का संग्रह है जिन्हें विश्वविद्यालय या गुरुकुल में पढाया जा सकता है |
(३) सूक्तनिष्ठ ऐसे मन्त्रो का संग्रह है जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन ,अपने बाल बच्चो तथा परिवार के लिए दिन रात उपयोग में ला सकता है |
(४) ऐसे सूक्तो का संग्रह है जो वैदिक विचारधारा के ज्वलंत प्रतीक है |
(५) ऐसे सूक्तो का प्रयोग है जिनका विनयोग यज्ञ में किया जा सकता है तथा जो पाठको को वेद ज्ञान के लिए प्रेरित कर दे |
इस पुस्तक की विषयसूचि निम्न है
(क) ऋग्वेद १०६ मन्त्र 
(१) अग्नि सूक्त -९ मन्त्र 
(२) नासदीय सूक्त -७ मन्त्र 
(३) हिरण्यगर्भ सूक्त -१० मन्त्र 
(४) इंद्र सूक्त १५ मन्त्र 
(५) संवनन सूक्त ४ मन्त्र 
(६) मन आवर्तन सूक्त १२ मन्त्र 
(७) श्रद्धा सूक्त 
(८) मृत्यु सूक्त १४ मन्त्र 
(९) अधमर्षण मंत्र -३ मन्त्र 
(१०) उषा सूक्त ७ मन्त्र 
(११) सोम सूक्त ६ मन्त्र 
(१२) द्युत सूक्त १४ मन्त्र 
(ख) यजुर्वेद १०३ मन्त्र 
(१) पुरुष सूक्त -२२ मन्त्र 
(२) यजुर्वेद अध्याय ३३ १६ मन्त्र 
(३) ईशावास्य मन्त्र १७ मन्त्र 
(४) शिव संकल्प सूक्त ७ मन्त्र 
(५) प्रभात सूक्त ७ मन्त्र 
(६) सरस्वती मन्त्र ३ मन्त्र 
(७) मधुपर्क मन्त्र ३ मन्त्र 
(८) उपस्थान मन्त्र ४ मन्त्र 
(९) यजुर्वेद का ३६ वा अध्याय २४ मन्त्र 
(ग) सामवेद १०० मन्त्र 
पुर्वाचिक ,महानाम्न्यार्चिक , उत्तरार्चिक के मिलाकर 
(घ) अथर्ववेद -१०१ मन्त्र 
(१) पृथ्वी सूक्त ६३ मन्त्र 
(

Reviews

There are no reviews yet.

You're viewing: Chatruveda Ganga Lahari 220.00
Add to cart
Register

A link to set a new password will be sent to your email address.

Your personal data will be used to support your experience throughout this website, to manage access to your account, and for other purposes described in our privacy policy.

Lost Password

Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.

Close
Close
Shopping cart
Close
Wishlist