Vedrishi

हवन सामग्री

Hawan Samagree 1 KG

300.00

Author: Unknown
SKU field_64eda13e688c9 Category puneet.trehan
Subject: Hindu Nam ki prachinta Aur Visheshtayen
Edition: 2016
Pages: 132
BindingPaperback
Dimensions: NULL
Weight: NULLgm

आकाश मंडल में सूर्य व पृथ्वी के भ्रमण से ऋतुएं बदलती हैं, भिन्न वायुमंडल निर्मित होते रहते हैं. जिससे सर्दी, गर्मी, नमी, वायु का भारीपन, हलकापन, धूल, धुंआ, इत्यादि वातावरण को प्रभावित करते रहते हैं. विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं की उत्पत्ति, वृद्धि एवं समाप्ति का क्रम चलता रहता है. इसलिए समय-समय पर वायुमण्डल स्वास्थ्यकर होता है और कभी अस्वास्थ्यकर हो जाता है. आज समूचा विश्व कोरोना महामारी से त्राहि-त्राहि कर रहा है, कोरोना का विषाणु वातावरण से ही शरीर में प्रवेश कर रहा है. इस प्रकार के विषाणुओं की विकृतियों को दूर करने और अनुकूल वातावरण उत्पन्न करने के लिए हमारे पूर्वज प्राचीन ऋषि-मुनियों ने हवन के द्वारा वातावरण की शुद्धि की एक अप्रतिम युक्ति हमें प्रदान की है. हवन में ऐसी औषधियां, जड़ी-बूटियां और अन्न आहुति के रूप में प्रयुक्त की जाते हैं, जो इस उद्देश्य को भली प्रकार पूरा करती हैं. हवन के कई अन्य लाभ भी हैं.

अन्नों के हवन से मेघ-मालाएं अधिक अन्न उपजाने वाली वर्षा करती हैं, सुगन्धित द्रव्यों से विचार शुद्ध होते हैं, मिष्ट पदार्थ स्वास्थ्य को पुष्ट एवं शरीर को आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए सभी प्रकार के हव्यों को समान महत्व दिया जाना चाहिए. यदि अन्य वस्तुएं उपलब्ध न हों, तो केवल तिल, जौ, चावल से भी हवन किया जा सकता है. गाय का घी सर्वोत्तम हवि है, गाय के घी से हवन करने से शुद्ध ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है व स्वास्थ्य उत्तम रहता है.

हवन अथवा यज्ञ हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है. हवनकुण्ड में अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं. वेदों में उल्लेख है कि देवताओं को भोजन अग्नि में दी गयी आहुतियों से पहुंचता है. हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है (जो अग्नि में डाले जाते हैं). हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, नारियल, अन्न इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विद्वान ऋषि मुनि लोग यज्ञ किया करते थे और तब हमारे देश में कई तरह के रोग नहीं होते थे. कालांतर में गुलामी के समय हवन यज्ञ इत्यादि बहुत सीमित हो गए जिसके परिणाम स्वरुप देश ने कई महामारियों का सामना किया, लाखों जीवन काल-कलवित हो गए.

Weight6415688 g

Reviews

There are no reviews yet.

You're viewing: Hawan Samagree 1 KG 300.00
Add to cart
Register

A link to set a new password will be sent to your email address.

Your personal data will be used to support your experience throughout this website, to manage access to your account, and for other purposes described in our privacy policy.

Lost Password

Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.

Close
Close
Shopping cart
Close
Wishlist