Vedrishi

महापराक्रमी महाराणा प्रताप

Mahaparakrami Maharana Pratap

300.00

Subject: Ayurved Chikitsa Gaid
Edition: 2012
Pages: 808
BindingPaperback
Dimensions: NULL
Weight: NULLgm

महाराणा प्रताप का नाम बहादुर राजाओं की सूची जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर इस देश के राष्ट्र, धर्म, संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा की। महाराणा प्रताप के शासनकाल के समय दिल्ली में अकबर मुगल शासक था। उसकी नीति अन्य राजाओं को अपने नियंत्रण में लाने के लिए हिंदू राजाओं की ताकत का उपयोग करना था। कई राजपूत राजाओं ने अपनी गौरवशाली परंपराओं को त्यागते हुए अपनी बेटियों और बहुओं को पुरस्कार व सम्मान पाने के उद्देश्य से अकबर के हरम में भेजा।
महाराणा प्रताप की एकमात्र चिंता अपनी मातृभूमि को मुगलों के चंगुल से तुरंत मुक्त करना था। इसलिए उन्होंने घोषणा की कि, 'मैं शपथ लेता हूँ कि जब तक चित्तौड़ को मुक्त नहीं करा लेता, तब तक सोने-चाँदी की प्लेटों में भोजन नहीं करूँगा, नरम बिस्तर पर नहीं सोऊँगा और महल की बजाय पत्ता-थाली पर खाना खाऊँगा, फर्श पर सोऊँगा और झोंपड़ी में रहूँगा। मैं तब तक दाढ़ी नहीं बनाऊँगा, जब तक चित्तौड़ को मुक्त नहीं कर दिया जाता।" –
22,000 सैनिकों की महाराणा प्रताप की सेना हल्दीघाट में अकबर के 2,00,000 सैनिकों के सामने आ डटी।  उनके वफादार घोड़े चेतक ने भी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने स्वामी की जान बचा ली और स्वयं अमर हो गया। महाराणा प्रताप पहाड़ों, जंगलों और घाटियों में भटकते रहे। भामाशाह ने उनकी मदद की। महाराणा प्रताप ने मेवाड़ को बचाने के लिए 12 साल तक संघर्ष किया। उन्होंने बहुत कष्ट झेला, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं किया।
एक महायोद्धा की अविस्मरणीय गाथा। 

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