ब्राह्मण की गौ अर्थात्-ब्राह्मण की वाणी इस ग्रंथ में संकलित पहली पुस्तक ‘ब्राह्मण की गौं’ गुरुकुल विश्वविद्यालय कांगड़ी की ओर से प्रकाशित हुई थी। यह अथर्ववेद के ब्रह्मगवी सूक्त की बहुत रोचक और मार्मिक व्याख्या है।
दूसरी पुस्तक ‘वैदिक ब्रहाचर्य गीत जो कि अथर्ववेद के ही ब्रह्मचर्य सूक्त की बहुत ही सरल व्याख्या है।
इसके के तीसरे भाग में आचार्य अभयदेवजी के लेखों का संग्रह ‘वेद वाणी’ शीर्षक से इक्कीस विभिन्न वैदिक निबंधों का संकलन है।
आशा है आचार्य जी की रचनाओं का यह संकलन वेदाध्ययन के जिज्ञासु पाठकों में प्रसन्नता का संचार करेगा।
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