वैदिक धर्म में संस्कारों का बड़ा महत्व है। मानव जीवन को उच्च, दिव्य, महान् एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए महर्षि दयानंद ने सस्कारविधि में सोलह सस्कारों का विधान किया है। सभी संस्कार महत्वपूर्ण है, परतु उन सभी में विवाह सस्कार सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वस्तुतः यही वह संस्कार है जो अन्य सभी सस्कारों का आधार है।
विवाह संस्कार में जितनी भी विधिया है, उन सबकी व्याख्या स्वामी जी ने विधि से पूर्व करदी है। सप्तपदी की भी हृदयग्राही व्याख्या स्वामी जी ने प्रस्तुत की है। हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पाठक एवं विद्वज्जन इसे उपयोगी पाएगे।
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