इस ग्रन्थ के विषय अधिकांशत: वे ही हैं जो राजप्रशस्ति और जयसमुद्र प्रशस्ति में आए हुए हैं तथापि छन्दों के चयन में वैविध्य तथा विस्तार अधिक है। हां, भाषा में प्रौढ़ता होने से यह रचना सम्पादित और परिष्कृत भी प्रतीत होती है और यह कार्य ग्रन्थकार ने वृद्धावस्था में ही किया हो, इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं। एक और विशेषता इसकी यह है कि इसमें मेवाड़ के कई राजाओं के राज्यकाल के वर्ष, मास, दिन तक को गणना करते हुए लिखा गया है और उनके साथ जुड़ी जनकथाओं को भी स्थल-स्थल पर लिखकर पाठ को रोचक बनाया गया है।
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Shilotkeerna Rajprashastih Mahakavyam
शिलोत्कीर्ण राजप्रशस्तिः महाकाव्यम्
Shilotkeerna Rajprashastih Mahakavyam
₹750.00
Subject : Sanskrit Literature
Edition : 2018
Publishing Year : 2018
SKU # : 36861-HS00-0H
ISBN : 9789380943954
Packing : Hard Cover
Pages : 304
Dimensions : 14X22X2
Weight : 510
Binding : Hard Cover
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