द्रौपदी का केवल एक पति था-युधिष्ठिर
ओ३म् 🌷द्रौपदी का केवल एक पति था-युधिष्ठिर🌷 विवाद क्यों पैदा हुआ था:- (१) अर्जुन ने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था।यदि उससे विवाह हो जाता तो कोई परेशानी न होती।वह तो स्वयंवर की घोषणा के अनुरुप ही होता। (२) परन्तु इस विवाह के लिए कुन्ती कतई तैयार नहीं थी। (३) अर्जुन […]
Read Moreशिक्षा व बुद्धिमत्ता / Education & Intelligence
शिक्षा व बुद्धिमत्ता / Education & Intelligence यदि आप समाज में किसी भी व्यक्ति से, जिसकी छोटी संतान हो, उसकी इच्छाओं के संबंध में पूछेंगे तो एक इच्छा जो सभी व्यक्त करते हैं, चाहे वे निर्धन हों या धनी, शिक्षित हों अथवा अशिक्षित, है कि: बच्चे अच्छे से पढ़-लिख जाए और अपने पैरों पर खड़े […]
Read Moreतक्षशिला: शिक्षा, योग्यता व सामर्थ्य / Takshshila: Education, Qualification & Capability
यदि विश्व आज भारत को पहचानता है, सम्मान देता है, तो यह बॉलीवुड या फिल्मों के कारण नहीं, अपितु भारत की अपार संस्कृति, ज्ञान और विज्ञान, साहित्य, ज्योतिष, खगोल, गणित, वास्तुकला और चिकित्सा के क्षेत्र में दुनिया में योगदान के कारण है। आज दुर्भाग्यवश अधिकांश लोग वास्तव में प्राचीन भारत के योगदान को नहीं जानते […]
Read Moreधर्मो रक्षति रक्षित: / Dharmo Rakshati Rakshita
धर्मो रक्षति रक्षित: / Dharmo Rakshati Rakshita धर्म एव हतो हन्ति, धर्मो रक्षति रक्षितः । (धर्म का नाश करने वाले का धर्म नाश करता है, धर्म की रक्षा करने वाले की धर्म रक्षा करता है।) यह मनु-स्मृति का श्लोक सहस्त्रों वर्ष पूर्व, जब यहूदी, बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लमान, सिख आदि नहीं थे, तब कहा गया […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (३/९) 16 Sanskārs of Hindus – Part (3/9)
हिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (३/९) 16 Sanskārs of Hindus – Part (3/9) संस्कार का सामान्य अर्थ है-किसी को संस्कृत करना या शुद्ध करके उपयुक्त बनाना। किसी साधारण या विकृत वस्तु को विशेष क्रियाओं द्वारा उत्तम बना देना ही उसका संस्कार है। यह सुधार वर्तमान-स्थिति से उन्नत-स्थिति में आने के लिए होता है। वैदिक […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (२/९) 16 Sanskārs of Hindus – Part (2/9)
हिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (२/९) 16 Sanskārs of Hindus – Part (2/9) गर्भाधान से पहले व गर्भ धारण होने के पश्चात भी जैसी शारीरिक व मानसिक स्थिति माता-पिता की होती है, उसका बहुत प्रभाव आने वाले शिशु पर पड़ता है। अधिकांशत: गर्भ धारण हो जाने के पश्चात पुरुष समझते हैं कि शिशु का […]
Read Moreइच्छाएँ व सुख / Desires and Happiness
इच्छाएँ व सुख / Desires and Happiness क्या आपने कभी किसी पार्टी में बच्चों को गुब्बारों के साथ खेलते हुए देखा है। एक बच्चा अचानक एक बड़ा लाल गुब्बारा पकड़ता है और चिल्लाता है: “यह गुब्बारा मेरा है!” अनजाने में, सभी बच्चे अपने गुब्बारे छोड़ते हैं और इस लाल गुब्बारे के लिए लड़ने लगते हैं। […]
Read Moreउदारता / Generocity
उदारता / Generocity श्रीमद भगवतगीता के १६ [16] वे अध्याय के २. [2] श्लोक में श्री कृष्ण मनुष्यों में जो गुण विद्यमान होने चाहिए, उनके संबंध में बताते हुए कहते हैं:- अहिंसा सत्यमक्रोधस्त्यागः शान्तिरपैशुनम् । दया भूतेष्वलोलुप्त्वं मार्दवं ह्रीरचापलम् ।।१६.२।। अहिंसा, सत्यभाषण, क्रोध का त्याग, संसार की कामना का त्याग, कर्मों में कर्ता होने का […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (१/९) 16 Sanskārs of Hindus – Part (1/9)
हिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (१/९) संस्कार शब्द का मूल अर्थ ‘शुद्धिकरण‘ है। चरक ऋषि ने कहा है, ‘संस्कारो हि गुणान्तराधानमुच्यते‘ अर्थात पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटा कर उनके स्थान पर सदगुणों को स्थापित करना संस्कार कहलाता है। ‘संस्कार’ शब्द का प्रयोग हमारे मन पर पड़े भावों के लिए भी होता है। हमारी […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (४/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (4/9)
हिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (४/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (4/9) शिशु अनेक योनियों में भ्रमण करता हुआ मानव शरीर में आया है, इसलिए उसके मन पर पाशविक संस्कारों की छाया रहनी स्वाभाविक है। इनको हटाया जाना आवश्यक है। यदि पशु प्रवृत्ति बनी रही, तो मनुष्य शरीर की विशेषता ही नही रहेगी। […]
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