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बेचारे ने जवाब देकर फंसाया इस्लाम को

Bechare ne Jawab dekar Fansaya Islam Ko

300.00

Subject : Reply to Mushafique Islam
Edition : 2023
Publishing Year : 2023
SKU # : 36795-VG00-0H
ISBN : N/A
Packing : Paperback
Pages : 114
Dimensions : 14X22X2
Weight : 148
Binding : Paperback
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पुस्तक का नाम – बेचारे ने जवाब देकर फंसाया इस्लाम को!
लेखक का नाम – पण्डित महेन्द्रपाल आर्य

पण्डित महेन्द्रपाल आर्य पूर्व में एक बरवाला की मस्जिद में इमाम थे। कालान्तर में सत्यार्थ प्रकाश से प्रभावित हो कर इस्लाम का त्याग करके वैदिक धर्म को स्वीकार किया। पंडित जी ने आर्य समाज और वैदिक धर्म की अनेकों प्रकार से निस्वार्थ सेवा की तथा वैदिक धर्म पर होने वाले आक्षेपों का सप्रमाण उत्तर भी दिया। पण्डित जी नें वैदिक धर्म की श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए तथा वेद ही ईश्वरीय ज्ञान है, इसकी सिद्धि के लिए अनेकों मौलवियों, इस्लामी विद्वानों, पादरियों से शास्त्रार्थ किये तथा सभी को निरुत्तर किया। पण्डित जी नें अनेकों संघर्ष करते हुए, कई मुस्लिमों और ईसाईयों का शुद्धिकरण किया। इसमें सबसे ज्वलन्त एक पादरी तरसेम मसीह और नन रीतिका मसीह की घर वापसी है। पंडित जी को विधर्मियों द्वारा अनेकों लोभ-लालच और धमकियाँ दी गई लेकिन पंडित जी अपने वैदिक धर्म पर दृढ़ विश्वास से नहीं हटे। इस्लाम पर 2010 पर पंडित जी ने एक पत्रावली निकाली थी, जिसका शीर्षक “इस्लाम जगत के विद्वानों से कतिपय प्रश्न” सही जवाब मिलने पर इस्लाम स्वीकार, इसमें लगभग 15 निम्न प्रश्न थे –
– क्या सही में कुरान का बिसमिल्लाह, गलत है?
– कुरान में बिसमिल्लाह वाक्य अल्लाह का कहा वाक्य है अथवा नहीं?
– अल्लाह ने मुसलमान बनाया अथवा अल्लाह ने इंसान बनाया?
– अगर अल्लाह ने इंसान बनाया तो मुसलमान किसने बना दिया?
– मुसलमान कोई बनकर धरती पर आता है या दुनिया में बनाये जाते है?
– हजरत आदम अल्लाह के रास्ते पर थे या नहीं?
– अगर अल्लाह के रास्ते पर होते, फिर शैतान उन्हें गुमराह कैसे कर देता?
इन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास इस्लाम एंड हिन्दूज्म साईट की ओर से मुश्फिक सुल्तान नामक व्यक्ति ने किया। पण्डित जी के प्रश्न क्या थे और उत्तर तो इनसे बिल्कुल ही भिन्न थे। इन उत्तरों के प्रत्युत्तर में पण्डित जी ने प्रस्तुत पुस्तक “बेचारे ने जवाब देकर फंसाया इस्लाम को!” लिखी।
इस पुस्तक में पण्डित जी ने बताया है कि उनके उत्तर लिखते हुए मुश्फिक सुल्तान ने कई ऐसी बातें लिख दी कि उससे उसने इस्लाम को ही प्रश्न के घेरे में खड़ा कर दिया।
मुश्फिक सुल्तान ने स्वीकारा आदम अल्लाह के रास्ते से कुछ देर के लिए भटक गये थे।
इससे मुश्फिक स्वयं निग्रहित हो गये। इस पुस्तक में पण्डित जी ने मुश्फिक के उत्तरों पर अनेकों प्रश्न खडे कर दिये जैसे –
– नमाज अगर हर बुराईयों से बचाती है, फिर नमाज पढ़ने वाले बुराई कैसे करते है?
मुश्फिक सुल्तान ने यह भी लिखा कि लोग हकीकी नमाज नहीं पढ़ते हैं। इस पर पण्डित जी नें पुनः आक्षेप करते हुए लिखा –
अगर यह हकीकी नमाज नहीं तो यह दिखावा, छल, कपट किसलिए?
सूरा अलक में अल्लाह ने कहा –
“जमे हुए खून से इन्सान को बनाया,
फिर कहा खन खनाती, मिट्टी से इन्सान को बनाया,
फिर कहा गारे से बनाया
फिर कहा स्त्री और पुरुष को बनाया।”
इस पर आक्षेप करते हुए पण्डित जी ने लिखा कि अल्लाह का कौनसा कहना सही है?
इस प्रकार से अनेकों तार्किक प्रश्न इस्लाम और मुश्फिक सुल्तान से इस पुस्तक के माध्यम से पण्डित जी द्वारा किये गये जिनका आज तक कोई भी सटीक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ।

पण्डित जी की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पण्डित जी ने आजतक एक भी शब्द बिना किसी प्रमाण के नहीं लिखा है इसलिए पण्डित जी की पुस्तकें भी अत्यन्त विश्वसनीय है। सभी पाठकों को अपने धर्म की रक्षा तथा विधर्मियों के षड़यंत्रों को समझने के लिए इस पुस्तक का अवश्य ही अध्ययन करना चाहिए।

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