पुस्तक का नाम – भारतीय संस्कृति का इतिहास
लेखक – पं. भगवद्दत्त रिसर्च स्कालर
भारत का एक प्राचीन गौरवशाली इतिहास रहा है। संसार के कई विद्वानों ने इस पर शोध किया हैं, किन्तु कुछ वामपंथी और पाश्चात्य विद्वानों ने इस इतिहास को विकृत तरह से दिखाने की पूर्ण चेष्टा की है। पंडित भगवद्दत्त जी ने गहन अनुसन्धान और ७००० पांडुलिपियों के सङ्ग्रह से इतिहास विषयक अनेको पुस्तकें लिखी जिनमें विकृत किये गये इतिहास को यथा प्रयत्न उन्होंने सही किया है।
उनकी ऐतिहासिक पुस्तकों की कड़ी में यह प्रस्तुत पुस्तक “भारतीय संस्कृति का इतिहास” भी एक अनमोल रत्न है। इस पुस्तक में पंडित जी ने यूरोपीय विद्वानों द्वारा जो भारतीय इतिहास को लेकर काल गणना, भाषा आदि सम्बन्धित भ्रमजाल उत्पन्न कर दिया था, उसे पंडित जी ने तर्कों, प्रमाणों और तथ्यों से दूर किया है तथा एक खोजपूर्ण यथार्थ इतिहास प्रस्तुत किया है।
इस पुस्तक के ३० अध्यायों में भूमिसृजन, आर्य और भारतवर्ष, देव, कृत आदि युग, रामायण, महाभारत कालीन युग, आर्षकाल की समाप्ति, वैज्ञानिक आविष्कार, जैन, भागवत आदि मतों का उदय, भारतीय संस्कृति का विभिन्न देशों में प्रभाव, आर्यों का मूल देश भारत, शक्-गुप्तकाल का इतिहास, इस्लाम का भारत में आगमन, वर्तमान युग और आर्य संस्कृति आदि विषयों पर अनुसन्धात्मक लेख लिखे हैं।
पुस्तक में सृष्टि के आरम्भ से लेकर इस्लाम बाद तक का इतिहास है। यह पुस्तक भारतीय संस्कृति इतिहास में रूचि रखने वाले और यथार्थ जानकारी प्राप्त करने वालों के लिए अतीव उपयोगी सिद्ध होगी।
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