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सम्पूर्ण वेदभाष्य (हिंदी)

Complete Veda Bhashya in hindi

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Subject : Vedas
Edition : N/A
Publishing Year : N/A
SKU # : 36479-AS00-0H
ISBN : I-9788170772262, II-9788170771739, III-9788170771906, IV-9788170772385
Packing : 8 Volumes
Pages : 10400
Dimensions : 23cms x 15cms
Weight : 10590
Binding : Hard Cover
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भाष्यकारों के नाम –

ऋग्वेद – महर्षि दयानन्द सरस्वती (सातवें मंडल के 61वें सूक्त मन्त्र 2 पर्यन्त) पश्चात् – (सम्पूर्ण ऋग्वेद सात खंडों में) आर्यमुनि जी ने नवम मण्डल तक भाष्य किया है, दशम मण्डल का स्वामी ब्रह्ममुनि जी परिव्राजक ने किया है।

यजुर्वेद – महर्षि दयानन्द सरस्वती (40 अध्याय पर्यन्त) (सम्पूर्ण यजुर्वेद एक खंड में)

सामवेद – पं.रामनाथ वेदालङ्कार जी (सम्पूर्ण सामवेद एक खंड में)

अथर्ववेद – पं. क्षेमकरणदास त्रिवेदी जी (सम्पूर्ण अथर्ववेद दो खंडों में)

सम्पूर्ण वेदभाष्य (हिंदी) Complete Veda Bhashya in hindi

वेद संस्कृति, विज्ञान, शिक्षा के मूलाधार है। वेद विद्या के अक्षय भण्डार और ज्ञान के अगाध समुद्र है। संसार में जितना भी ज्ञान, विज्ञान, कलाएँ हैं, उन सबका आदिस्रोत वेद है। वेद में मानवता के आदर्शों का पूर्णरूपेण वर्णन है। सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों का पथ-प्रदर्शन वेदों के द्वारा ही हुआ था। वेद न केवल प्राचीन काल में उपयोगी थे अपितु सभी विद्याओं का मूल होने के कारण आज भी उपयोगी है और आगे भी होगें। मनुष्यों की बुद्धि को प्रबुद्ध करने के लिए उसे सृष्टि के आदि में परमात्मा द्वारा चार ऋषियों के माध्यम से वेद ज्ञान मिला। ये वेद चार हैं, जो ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद के नाम से जाने जाते हैं। हम इन चारों वेदों का संक्षिप्त परिचय देते हैं –

ऋग्वेद – इस वेद में तृण से ईश्वर पर्यन्त सब पदार्थों का विज्ञान बीज रूप में है। इस वेद में प्रमुख रूप से सामाजिक विज्ञान, विमान विद्या, सौर ऊर्जा, अग्नि विज्ञान, शिल्पकला, राजनीति विज्ञान, गणित शास्त्र, खगोल विज्ञान, दर्शन, व्यापार आदि विद्याओं का वर्णन हैं।

इस वेद पर ऋषि दयानन्द जी का 7वें मण्डल के 61 वें सूक्त के दूसरे मन्त्र तक भाष्य है। दैव-दुर्विपाक से ये भाष्य स्वामी दयानन्द जी द्वारा पूर्ण न हो सका। शेष भाग आर्यमुनि जी द्वारा किया गया हैं। ये भाष्य नैरूक्तिक शैली से परिपूर्ण होने के कारण वेदों के नित्यत्व को स्थापित करता है तथा युक्तियुक्त और सरल होने से अत्यन्त लाभकारी है।

ज्ञान स्वरूप परमात्मा प्रदत्त दूसरा वेद है –

यजुर्वेद – इस वेद की प्रशंसा करते हुए, फ्रांस के विद्वान वाल्टेयर ने कहा था – “इस बहुमूल्य देन के लिए पश्चिम पूर्व का सदा ऋणी रहेगा।

यज्ञों पर प्रकाश करने से इस वेद को यज्ञवेद भी कहते हैं। इस वेद में यज्ञ अर्थात् श्रेष्ठकर्म करने की और मानवजीवन को सफल बनाने की शिक्षा दी गई है। जो कि पहले ही मन्त्र – “सविता प्रार्पयतु श्रेष्ठतमाय कर्मणे” के द्वारा दी गई है। इस वेद में धर्मनीति, समाजनीति, अर्थनीति, शिल्प, कला-कौशल, ज्यामितीय गणित, यज्ञ विज्ञान, भाषा विज्ञान, स्मार्त और श्रौत कर्मों का ज्ञान दिया हुआ है। इस वेद का चालीसवाँ अध्याय अध्यात्मिक तत्वों से परिपूर्ण है। यह अध्याय ईशावस्योपनिषद् के नाम से प्रसिद्ध है।

इस वेद पर ऋषि दयानन्द का सम्पूर्ण भाष्य है। महर्षि का भाष्य अपूर्व एवं अनूठा है। उव्वट और महीधर के भाष्य इतने अश्लील हैं कि उनहें सभ्य-समाज के समक्ष बैठकर पढा नहीं जा सकता है, इसके विपरीत महर्षि का भाष्य इस अश्लीलता से सर्वथा रहित है। महर्षि दयानन्द का भाष्य वैदिक सत्य सिद्धान्तों का प्रतिपादन करता है तथा मनुष्य के दैनिक कर्त्तव्यों का सन्देश और उपदेश देता है।

इस वेद के पश्चात् सामवेद का लघु परिचय देते हैं –

ये वेद आकार की दृष्टि से सबसे छोटा है, परन्तु महत्व की दृष्टि से अन्य वेदों के समान ही है। इस वेद में उच्चकोटि के आध्यात्मिक तत्वों का विशद वर्णन है, जिनपर आचरण करने से मनुष्य अपने जीवन के चरम लक्ष्य प्रभु-दर्शन की प्राप्ति कर सकता है।

इस वेद द्वारा संगीतशास्त्र का विकास हुआ है। इस वेद में आध्यात्मिक विषय के साथ-साथ संगीत, कला, गणित विद्या, योग विद्या, मनुष्यों के कर्तव्यों का वर्णन है। छान्दोग्य उपनिषद् में “सामवेद एव पुष्पम्” कहकर इसकी महत्ता का प्रतिपादन किया है।

इस वेद पर ऋषि दयानन्द का भाष्य नही है लेकिन उनहीं की शैली का अनुसरण करते हुए पं.रामनाथ वेदालङ्कार जी का भाष्य है। यह भाष्य संस्कृत और आर्यभाषा दोनो में है। इस भाष्य में संस्कृत-पदार्थ भी आर्यभाषा-पदार्थ के समान सान्वय दिया है। इसमें प्रत्येक दशति के पश्चात् उसकी पूर्व दशति से संगीति दर्शायी है। अध्यात्म उपदेश से पृथक् इस भाष्य में राजा-प्रजा, आचार्य-शिष्य, भौतिक सूर्य, भौतिक अग्नि, आयुर्वेद, शिल्प आदि व्यवहारिक उपदेशों का दर्शन भी किया जा सकता है।

इस वेद के पश्चात् अथर्ववेद का परिचय देते हैं –

इस वेद में ज्ञान, कर्म, उपासना का सम्मिश्रण है। इसमें जहाँ प्राकृतिक रहस्यों का उद्घाटन है, वहीं गूढ आध्यात्मिक रहस्यों का भी विवेचन है। अथर्ववेद जीवन संग्राम में सफलता प्राप्त करने के उपाय बताता है। इस वेद में गहन मनोविज्ञान है। राष्ट्र और विश्व में किस प्रकार से शान्ति रह सकती है, उन उपायों का वर्णन है। इस वेद में नक्षत्र-विद्या, गणित-विद्या, विष-चिकित्सा, जन्तु-विज्ञान, शस्त्र-विद्या, शिल्प-विद्या, धातु-विज्ञान, स्वपन-विज्ञान, अर्थनीति आदि अनेकों विद्याओं का प्रकाश है।

इस वेद पर प्रसिद्ध पं.क्षेमकरणदास जी त्रिवेदी द्वारा रचित भाष्य है। इसमें पदक्रम, पदार्थ और अन्वय सहित आर्यभाषा में अर्थ किया गया है। अर्थ को सरल और रोचक रखा गया है। स्पष्टता और संक्षेप के ध्यान से भाष्य का क्रम यह रक्खा है –

1 देवता, छन्द, उपदेश।

2 मूलमन्त्र – स्वरसहित।

3 पदपाठ – स्वरसहित।

4 सान्वय भावार्थ।

5 भाषार्थ।

6 आवश्यक टिप्पणी, संहिता पाठान्तर, अनुरूप विषय और वेदों में मन्त्र का पता आदि विवरण।

7 शब्दार्थ व्याकरणादि प्रक्रिया-व्याकरण, निघण्टु, निरूक्त, पर्याय आदि।

इस तरह ये चारों वेदों का समुच्चय है। आशा है कि आप सब इस वेद समुच्चय को मंगवाकर, अध्ययन और मनन से अपने जीवन में उन्नति करेंगे।

https://www.vedrishi.com/

 

 

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6 reviews for Complete Veda Bhashya in hindi

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  1. Neha Arora

    Reading “Complete Veda Bhashya” was a great experience. The author explains the Vedas in a way that is easy to understand. The book is very detailed and informative. I recommend it to anyone who is interested in learning about the Vedas.

  2. Vikram Joshi

    Complete Veda Bhashya is an excellent book for anyone who wants to understand the Vedas. The translation is clear and the explanations are easy to follow. This book has been very helpful in my study of the Vedas.
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    The author has made the Vedas accessible to everyone by translating them into easy Hindi. The book is well-organized and the explanations are very helpful. Great for anyone who wants to study the Vedas.

  4. डॉ. सुषमा त्रिपाठी

    यह किताब बहुत ही अच्छे तरीके से लिखी गई है और हिंदी में समझना आसान है। इसे पढ़कर मेरा अध्यात्मिक ज्ञान बढ़ा है।

  5. Anil Kumar

    Highly recommended for anyone interested in Indian spirituality.

  6. अर्जुन पांडे

    इसमें वेदों का अनुवाद और व्याख्या बहुत ही सरल भाषा में की गई है। वेदों को समझना अब मेरे लिए बहुत आसान हो गया है।

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