वेद के अदेशानुसार प्रत्येक व्यक्ति को नीरोग और स्वस्थ रहना चाहिए। सभी सावधानियां बर्तने पर अथवा उनमें ढील होने पर रोग आ जाएं, तो औषधियों की शरण लेनी चाहिए।
भारत के लिए आयुर्वेदिक पद्धति ही सर्वश्रेष्ठ है। आयुर्वेद में कठिन-से-कठिन रोगों के लिए अत्यन्त सस्ती औषधियां हैं। इन औषधियों का निर्भय होकर प्रयोग किया जा सकता है। इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। इसमें अधिकांश काष्ठ औषधियां हैं, इनका लम्बे समय तक प्रयोग करें, अवश्य लाभ होगा।
सर्वसाधारण ने हमारी पूर्व लिखित पुस्तकों-घरेलू औषधिया, चमत्कारी औषधिया को खूब अपनाया है। अनेक व्यक्ति तो इन्हें पढ़कर रोगों के विशेषज्ञ बन गये। सहस्रो व्यक्ति नीरोग और स्वस्थ हो गये।
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