स्वामीजी लिखित संपूर्ण ग्रन्थों एवं समकालीन जीवन चरितों में से लगभग 500 अमृत तुल्य सुवचनों को एक जगह लाने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तक की एक विशेषता यह है कि उनके सुविचारों को वर्णक्रमानुसार सूची में निबद्ध किया है, जो विद्यार्थियों, लेखकों, वक्ताओं तथा शोधार्थियों को बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
इस पुस्तक की एक और विशेषता यह है कि सभी विचारधारा के बुद्धिजीवियो को उनकी आवश्यकतानुसार स्वामीजी के सुवचन उन्हें प्राप्त होगे। जैसे सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक, अध्यात्मवादी, स्वराज्य संबंधी, भारत विश्वगुरु, जीवननिर्माण आदि ।
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