प्रस्तुत पुस्तक में मनु और मनुस्मृति विषयक पूर्व स्थापित उन एकांगी, समीक्षाओं, भ्रमों और भ्रान्तियों पर विचार करके पुनर्मूल्यांकन प्रस्तुत किया गया है। विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि प्रमाणाधारित
पुनर्मूल्यांकन तटस्थ पाठकों को स्वीकार्य प्रतीत होंगे और पूर्वाग्रह-गृहीत पाठकों को भी इसके निर्णय पुनर्विचार के लिए बाध्य करेंगे।
पुस्तक परिचयः मनुस्मृति का पुनर्मूल्यांकन
(प्रक्षेपानुसन्धान हेतु नवप्रवर्तित साहित्यिक मानदण्डों पर आधारित विश्लेषण)
लेखक:- डा. सुरेन्द्र कुमार
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