स्वामी ब्रह्ममुनि जी वैदिक साहित्य के अत्यन्त स्वाध्यायशील, गम्भीर एवं साधनारत विद्वान् थे। उन्होंने लगभग तीन दर्जन ग्रन्थ लिखे। जिनमें से रामायण व महाभारत पर लिखे उनके ग्रन्थ आज भी अत्यन्त प्रेरणादायक हैं। रामायण के विशेष पात्र हैं-राम, भरत, लक्ष्मण, सीता, दशरथ, कैकयी, सुमित्रा, कौशल्या तथा रावण, क्रमशः इनका वर्णन यहाँ किया गया है। रामायण काल के धर्मिक सिद्धान्त, प्रथाएँ, सामजिक, नागरिक, राष्ट्रीय और कला-कौशल आदि का वर्णन भी यहाँ किया गया है।
आज के इस बदलते युग में आर्यसंस्कृति के प्रचीन आदशौ को पुनर्जीवित करने का यह एक प्रयास है। आशा है पाठक रामायण के पात्रों के उदात्त चरित्र को अपने तथा अपनी संतति के जीवन में प्रतिफलित करके आर्यावर्त के प्राचीन गौरव के पुनरुत्थान में सहयोग देंगे।
Reviews
There are no reviews yet.