जनसमुदाय के लिए जिन सामाजिक कर्तव्यों का करना अनिवार्य है, उनके संगठित रूप में एकीकरण के लिए यह पद्धतियाँ बनाई गयीं है।
वैदिक सन्ध्या, हवन-मंत्र अर्थ सहित, साथ यज्ञोपवीत धारण मंत्र, प्रथम वस्त्र-परिधान, जन्म-दिवस पद्धति, विवाह-दिवस, वाग्दान एवं सगाई पद्धति, सेहराबन्दी, गैत (चूड़ा), मिलनी, व्यापार-सूत्र, दुकान-महूर्त, चुन्नी-बढ़ाना, अन्त्येष्टि-क्रिया, दत्तकस्वीकरणविधि, घरेलू नुस्खे आदि आवश्यक सामाजिक पद्धतियों के सग्रह।
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