पुस्तक का नाम – संस्कार चन्द्रिका (संस्कार विधि की वैज्ञानिक व्याख्या)
लेखक – प्रो. सत्यव्रत सिद्धान्तालङ्कार
सत्यव्रत सिद्धान्तालङ्कार जी वैदिक साहित्य के जाने-माने उच्च कोटि के विद्वान हैं। उनके साहित्य अमरकृतित्व धारण किये हुए हैं। इसी क्रम में उन्होने संस्कारों पर एक अनुपम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ओत-प्रोत ग्रन्थ “संस्कार चन्द्रिका” नाम से लिखा है। इस ग्रन्थ में प्रत्येक संस्कार पर वैज्ञानिक दृष्टि से प्रकाश डाला गया है। सोलह संस्कारों के वर्णन के साथ प्रत्येक संस्कार की विशद् वैज्ञानिक व्याख्या है।
इस ग्रन्थ में जिन विषयों पर प्रकाश डाला गया है उनमें से कुछ निम्न हैं –
१. अग्निहोत्र के सम्बन्ध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण।
२. संस्कार पद्धति का दार्शनिक विवेचन।
३. ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना मन्त्र (शब्दार्थ तथा भावार्थ सहित)
४. स्वस्तिवाचन मन्त्र (शब्दार्थ तथा भावार्थ सहित)
५. शान्तिप्रकरण के मन्त्र (शब्दार्थ तथा भावार्थ सहित)
६. सामान्य प्रकरण के मन्त्र (शब्दार्थ तथा भावार्थ सहित)
७. गर्भाधान संस्कार का वैज्ञानिक आधार (विवेचनात्मक भाग)
८. गर्भाधान संस्कार का विधि भाग (मंत्रार्थ तथा भावार्थ सहित)
इसी प्रकार पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, कर्णवेध, उपनयन, वेदारम्भ, समावर्तन, विवाह, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम, सन्यास आश्रम, अंत्येष्टि संस्कार आदि सब पर विशद् वैज्ञानिक व्याख्या तथा विधि भाग विस्तार से दिए हैं। अंत में शाला कर्म विधि, वाणिज्य विधि, श्रावणीविधि का विस्तार से वर्णन करके ईश्वरभक्ति के कुछ चुने हुए भजन दिए हैं। प्रत्येक वैदिक परम्परा के पालन के इच्छुक और गृहस्थ के लिए यह ग्रन्थ संग्रहणीय है।
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