तृतीय भविष्य पर्व है,
वही फल केवल हरिवंशका श्रवण कर लेनेसे प्राप्त हो जाता है ।। १५ ।। यदि किसीने ब्रह्महत्या, भ्रूणहत्या, गोहत्या, सुरापान तथा गुरुपत्नीगमन जैसा पाप किया हो, वह मी यदि एकाग्रचित्त से हरिवंश पुराणका श्रवण करे तो तत्काल उन सभी गुरुतर पापोंसे मुक्त हो जाता है ।॥ १६ ॥ हे महाराज! इस प्रकार मैंने आपसे अतिशय आश्चर्यजनक और अतिशय महच्छ्रीकृष्णमाहात्म्यमपारमद्भुतम् ॥ शृण्वन् पठन्नाशु समाप्नुपात्फलं यच्चापि लोकेषु सुदुर्लभं महत् ॥ १७ ॥ इति श्रीमहाभारते खिलेषु हरिवंशे भविष्यपर्वणि श्रवणफलकथनं न नाम षट्त्रिंशदुत्तरशततमोऽध्यायः ॥ १३६ ॥ उदार श्रीकृष्णमाहात्म्य कहा। इसका स्वाध्याय और श्रवण करके संसारकी सबसे दुर्लभ वस्तु भी अनायास प्राप्त की जा सकती है ।। १७ ।। इति श्रीमहाभारते खिलेषु हरिवंशे म। वष्यपर्वणि पं० रामतेजपाण्डेयकृत ‘नारायणी’ भाषाटीकायां षट्त्रिंशदुत्तरशततमोऽध्यायः ॥ १३६ ॥
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Shriharivanshpuranam
श्रीहरिवंशपुराणम्
Shriharivanshpuranam
₹900.00
By : पण्डित रामतेज पाण्डेय
Subject : puran
Edition : 2023
Publishing Year : 2023
Packing : Hardcover
Pages : 936
Dimensions : 20X25X8
Weight : 2655
Binding : Hardcover
Description
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