रोगी जीवन स्वास्थ्य का सबसे बड़ा शत्रु है। स्वास्थ्य अच्छा होने पर शरीर में सौन्दर्य के साथ स्फूर्ति भी रहती है। उत्तम स्वास्थ्य का आधार है यथायोग्य आहार विहार एवं विवेकपूर्ण व्यवस्थित जीवन। आज के भौतिकवादी चकाचौंध की ओर आकर्षित होकर हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं इसीलिए हमारा शरीर रोगों का घर बनता जा रहा है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त सभी चीजें किसी न किसी रूप में स्वास्थ्य के लिए लाभदायी हैं। आवश्यकता है उसे जानने और प्रयोग करने के तरीके के बारे में। आज सम्पूर्ण विश्व में भारतीय आयुर्वेद के प्रति श्रद्धा, निष्ठा व जिज्ञासा बढ़ रही है क्योंकि श्रेष्ठ जीवन पद्धति का जो ज्ञान आयुर्वेद ने इस विश्व को दिया है वह अद्वितीय है। अन्य चिकित्सा पद्धतियाँ जहाँ महँगी व प्रत्येक व्यक्ति के पहुँच से दूर हैं वहीं वह केवल रोग तक ही सीमित हैं लेकिन आयुर्वेद ने जीवन के सभी पहलुओं को छुआ है। आयुर्वेद में निर्दिष्ट सिद्धान्तों का पालन कर हम रोगों से बच सकते हैं।
प्रो. एलोंजो क्लार्क (एम. डी.) का कहना है कि हमारी सभी दवाइयाँ विष हैं और इसके फलस्वरूप दवाई की हर एक मात्रा रोगी की जीवन शक्ति में हास कर रही हैं। इसलिए आज आयुर्वेद चिकित्सा की पद्धति की उपयोगिता बढ़ जाती है।
प्रस्तुत पुस्तक के प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य साधारण व गरीब जनता तक आयुर्वेद चिकित्सा को पहुँचाना है। जहाँ पर अच्छे डॉक्टर व चिकित्सालय का अभाव है, वहाँ इस पुस्तक को पढ़कर इसमें लिखे गये नुस्खों की दवायें तैयार कर कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी अपनी तथा अन्य की जान बचा सकता है। इस पुस्तक में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता भी, सभी व्यक्ति के जानने की आवश्यक बातें बड़े ही सरल और सुबोध ढंग से लिखी गई है। आशा है यह पुस्तक सभी रोगी, निरोगी, स्त्री, पुरुषों, विद्यार्थियों के लिए सही मार्गदर्शन करेगी तथा अति उपयोगी सिद्ध होगी।
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