Vedrishi

Free Shipping Above ₹1500 On All Books | Minimum ₹500 Off On Shopping Above ₹10,000 | Minimum ₹2500 Off On Shopping Above ₹25,000 |
Free Shipping Above ₹1500 On All Books | Minimum ₹500 Off On Shopping Above ₹10,000 | Minimum ₹2500 Off On Shopping Above ₹25,000 |

वेद के पाठक सावधान

Ved ke Pathak Sawdhan

150.00

Subject : About Vedas Reading
Edition : 2014
Publishing Year : 2014
SKU # : 36767-VG00-0H
ISBN : 9788170772231
Packing : Paperback
Pages : 256
Dimensions : 21cm X 13cm
Weight : 140
Binding : Paperback
Share the book

विश्वविद्यालयों में पढ़ायी जाने वाली पुस्तकों में वेद एवं वेद सम्बन्धी अनेक भ्रान्तिमूलक विषयों एवं अटकलपच्चू बातों ने लेखक के ध्यान को आकृष्ट किया। पाश्चात्य एवं उनकी नकल करने में अपने आप को गौरवान्वित समझने वाले भारतीय लोगों ने जिस वेद को ईश्वरीय ज्ञान, अपौरुषेय एवं सत्य विद्या की पुस्तक आदि-राजा मनु से लेकर कपिल, कणाद, गौतम, जैमिनि, पतंजलि, व्यास आदि भारत के दार्शनिकों ने स्वीकार किया था, उसी वेद को चरवाहों का गीत एवं असभ्य बर्बर आर्य जाति की सूक्ति सहिता तक कह डाला गया।

उन्होंने ऐसी धारणा क्यों बनायी? इसी का उत्तर देने के लिए लेखक ने प्रबल आवश्यकता का अनुभव किया तथा उन पाश्चात्य एवं भारतीय लेखकों द्वारा वेद पर किये जाने वाले आक्षेपों के समाधान करने के सम्बन्ध में कुछ लिखने का निश्चय किया। उसी का परिणाम है यह पुस्तक, आईए जाने की सच क्या है?

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Ved ke Pathak Sawdhan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recently Viewed

You're viewing: Ved ke Pathak Sawdhan 150.00
Add to cart
Register

A link to set a new password will be sent to your email address.

Your personal data will be used to support your experience throughout this website, to manage access to your account, and for other purposes described in our privacy policy.

Lost Password

Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.

Close
Close
Shopping cart
Close
Wishlist