मन, उस पर पड़े संस्कार व स्वभाव (Mind, Sanskār and Swabhāv)
Share the bookमन, उस पर पड़े संस्कार व स्वभाव Mind, Sanskār and Swabhāv हम हिन्दुओं के १६ संस्कारों के विषय में जानते हैं। ये संस्कार एक हिंदू के जीवन में उसके माता-पिता द्वारा उसके जन्म के आह्वान से आरम्भ हो कर उसकी मृत्यु तक जीवन-चरण की महत्ता को ध्यान में रख कर उचित समय पर […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (६/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (6/9)
Share the bookहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (६/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (6/9) शिशु के जन्म के पश्चात अभी तक उसके जीवन में मुख्यत: उसके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्य संस्कार डाल रहे थे। एक आयु के पश्चात बालक (एवं बालिका) को शिक्षा के लिए गुरु के पास जाना होता है […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (५/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (5/9)
Share the bookहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (५/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (5/9) शिशु जब गर्भ में होता है तभी उसके बाल आ जाते हैं। चूँकि शिशु गर्भ में द्रव में होता है इसलिए उसके बाल भी मलिन जल में होते हैं। इन मलिन बालों को उस्तरे से जड़ तक काट देना […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (७/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (7/9)
Share the bookहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (७/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (7/9) गुरुकुल में रहकर, गुरु से समस्त वेद-वेदागों की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत शिष्य जब गुरु की कसौटी पर खरा उतर जाता था तब गुरु उसकी शिक्षा पूर्ण होने के प्रतीकस्वरुप उसका समावर्तन-संस्कार करते थे। यह संस्कार एक या […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (८/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (8/9)
Share the bookहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (८/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (8/9) वैदिक संस्कृति ने जीवन को यात्रा माना है इसलिए उसके अनुसार व्यक्ति को आगे बढ़ते जाना है, भले वह आगे बढ़ना चाहे अथवा न चाहे। वह एक स्थान पर एक अवस्था में अधिक समय तक नहीं रह सकता। […]
Read Moreधन व सुख / Wealth and Happiness
Share the bookधन व सुख / Wealth and Happiness मन में सदा इच्छाएँ उठती रहती हैं और मन इन इच्छाओं की पूर्ति चाहता है । यदि इन इच्छाओं को पूरा नहीं किया गया तो हमें दुख होगा, मन निरंतर ऐसा आभास कराने का भी प्रयास करता रहता है। इस दुख से बचने के लिए […]
Read Moreहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (९/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (9/9)
Share the bookहिन्दुओं के १६ संस्कार – भाग (९/९) 16 Sanskārs of Hindus – part (9/9) वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि। तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही।। [भगवत गीता २.२२] अर्थ: जैसे मनुष्य जगत में पुराने जीर्ण वस्त्रों को त्याग कर अन्य नवीन वस्त्रों को ग्रहण करते हैं, वैसे ही जीवात्मा पुराने […]
Read Moreशहीद दिवस / Shaheed Diwas
Share the bookशहीद दिवस / Shaheed Diwas राष्ट्र सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं, जानते थे वे तिरंगे से बढ़कर कोई कफन नहीं, यह मानते थे वे २३ मार्च १९३१ [23.03.1931] को लाहौर की सैंट्रल जेल में शाम के लगभग ७ बज कर ३३ मिनट [7:33] पर तीन युवक भगत सिंह (आयु २३ वर्ष ६ […]
Read Moreमहिला दिवस / Women’s Day
Share the bookमहिला दिवस / Women’s Day ८ मार्च, प्रतिवर्ष विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है और कुछ देशों में तो इस दिन सार्वजनिक छुट्टी होती है। यह दिवस महिलाओं की सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में, उनके अधिकारों जैसे लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, उनके प्रति हिंसा, दुर्व्यवहार […]
Read Moreश्री कृष्ण / Shri Krishn
Share the bookश्री कृष्ण / Shri Krishn श्री कृष्ण विष्णु जी के ८ वें अवतार माने गए हैं और इनका जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र में रात्रि के १२ बजे हुआ था, जिसे हम “जन्माष्टमी” के नाम से मनाते हैं। भारतीय संस्कृति के आदर्शों व पात्रों में श्री कृष्ण […]
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