महर्षि दयानन्द सरस्वती ने व्यवहारभानु नामक एक छोटा किन्तु अत्युपयोगी ग्रन्थ लिखा है। इस ग्रन्थ में उन्होंने विद्या एवं व्यवहार-संबंधी विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया है। इसी ग्रन्थ को आधार बनाकर लेखिका ने व्यवहारभानु प्रश्नोत्तरी नामक पुस्तक प्रस्तुत की है।
मूल ग्रन्थ में प्रयुक्त विषय वस्तु को इस पुस्तक में आधुनिक और स्पष्ट शैली में परिवर्तित कर दिया गया है। इससे नई पीढ़ी के बच्चों और युवाओं के लिए पुस्तक में वर्णित प्रत्येक बिन्दु ग्राह्य और समझने योग्य बन गया है।
महर्षि द्वारा लिखित दृष्टांतों को भी लेखिका ने प्रश्न-उत्तरों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इससे रोचकता के साथ-साथ प्रत्येक दृष्टांत के मर्म को सरलतापूर्वक समझा जा सकता है।
पुस्तक किशोरों व युवाओं के लिए विशेष रूप से पठनीय, शिक्षाप्रद एवं प्रेरणप्रद है। विद्यालयों, गुरुकुलों और आर्यवीर दल के शिविरों आदि के बच्चों लिए उपयोगी, तथा विभिन्न स्तर के विद्यार्थियों को लेकर संवाद, प्रतियोगिताओं, क्विज और परिक्षाएँ आयोजित की जा सकती है।
Reviews
There are no reviews yet.