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भारत का द्वितीय स्वातन्त्र्य समर

Bharat Ka Dvitiya Swatantrya Samar

350.00

SKU field_64eda13e688c9 Category puneet.trehan

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Subject : About Indian Second Freedom Fight
Edition : 2023
Publishing Year : 2023
SKU # : 36910-CK00-SH
Packing : Hardcover
Pages : 602
Weight : 460
Binding : Hard Cover
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पुस्तक का नाम भारत का द्वितीय स्वातन्त्र्य समर
लेखक का नाम पुरुषोत्तम नागेश ओक

भारतवर्ष को अंग्रेजों की दास्तान से मुक्त करने के लिए किए गए सन् 1857 के स्वातन्त्र्य संग्राम को प्रथम समर कहा जाता है। यह उचित ही है क्योंकि वह बड़े पैमाने पर, दृढ़तापूर्वक और वीरता से लड़ा गया था। यद्यपि अंग्रेजों ने इसे गदर का नाम ही दिया था। उस समय भारतीयों में स्वाभिमान था और उन्होनें इसे गदर मानने से मना कर दिया था।
इस स्वातन्त्र्य समर के पश्चात् अंग्रेजों के सिहांसन को बुरी तरह हिला देनेवाला स्वातन्त्र्य समर एकमेव नेता सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व में 1943 – 45 में लड़ा गया।
यद्यपि 1857 के संग्राम के समान ये भी असफल ही रहा था किन्तु प्रथम युद्ध की अपेक्षा यह संग्राम अत्यन्त श्रेष्ठ था। जहां प्रथम संग्राम में कई भारतीय दल और मत अपने अपने झण्डों के तले, अलग अलग नेताओं के नेतृत्व में स्वतन्त्र रूप से युद्ध कर रहे थे किन्तु इस द्वितीय स्वातन्त्र्य संग्राम में हिन्दुस्थान के विभिन्न प्रान्तों के सैनिकों ने अकेले एक व्यक्ति सुभाषचन्द्र बोस के नेतृत्व तथा एक ही तिरंगे झण्ड़े के तले युद्ध किया।
इस युद्ध में भारतीय सैनिकों के पास कम ही सही किन्तु अंग्रेजों के समान ही आधुनिक युद्ध सामग्रियों की व्यवस्था थी।
प्रस्तुत पुस्तक में इसी द्वितीय स्वतन्त्रता संग्राम का चित्रण किया गया है। इसमें तत्समय हुई घटनाओं का विवरण दिया गया है। उस महान संग्राम के महान यौद्धाओं और उनके कार्यों तथा उनकी परिस्थितियों का वर्णन किया गया है। यह पुस्तक भारतीय जनमानसों को अंग्रेजी साम्राज्य के विद्रोह में हुए ऐतिहासिक संग्राम का परिचय करवाती है तथा देशभक्ति का पाठ पढ़ाती है।
आशा है कि पाठक इस पुस्तक का मनोयोग से अध्ययन करेंगे।

Weight 6415688 g

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