वेद ऋषि पर उपलब्ध
अब अग्निहोत्र करने की पूर्ण सामग्री ।
यज्ञ वैदिक धर्म कर्मकाण्ड का महत्वपूर्ण अङ्ग है। यज्ञ को श्रेष्ठ कर्म कहा गया है। अग्निहोत्र करना प्रत्येक गृहस्थ का कर्तव्य है। हमारा यज्ञ उचित रीति से हो तथा उसका यथोचित लाभ हमें प्राप्त हो उसके लिए आवश्यक है कि यज्ञ करना विद्वान व्यक्ति से सीख कर करें अन्यथा इसके निष्पादन में हुई त्रुटि से लाभ के स्थान पर हानि प्राप्त होती है। यज्ञ, होम या अग्निहोत्र करने के लिए उचित आकार के हवन कुंड की आवश्यकता प्रथम है। हवन कुंड के साथ हमें विभिन्न पात्रों की आवश्यकता भी होती है।
यहाँ हवन कुंड के पात्र के आकार के विषय में भी विचार करना आवश्यक होता है जो प्रायः उपेक्षित रह जाता है। हवन कुंड का उपयुक्त आकार न होने पर हवन भली प्रकार होना संभव नहीं। स्वामी दयानन्द जी हवन पात्र के विषय में कहते हैं कि किसी धातु या मिट्टी की ऊपर 12 वा 16 अंगुल चौकोर उतना ही गहिरा और नीचे 3 वा 4 अंगुल परिमाण से वेदी इस प्रकार बनावें अर्थात् ऊपर जितनी चौड़ी हो उसकी चतुर्थांश नीचे चौड़ी रहे।
हमने प्रयास किया है कि एक उचित आकार का हवन कुंड जो गृहस्थों के प्रतिदिन होम करने के लिए उपयुक्त हो तथा साथ ही आवश्यक सभी पात्र एक साथ उपलब्ध कराए जावें जिससे जो व्यक्ति कई दिनों से घर पर हवन करने का विचार मन में लिए बैठे थे उन्हें बस एक स्थान से सभी वस्तुएँ एक साथ मँगवाने की आवश्यकता ही शेष रह जावे।
हवन पद्धति को भली-भाँति समझने के लिए एक हवन चलचित्र की सीडी भी संलग्न है। लघु रूपेण हवन पद्धति समझने के लिए हवन पत्रक का समावेश किया गया है तथा पूर्ण विधि जानने के लिए एक यज्ञ पुस्तक भी साथ दी गयी है।
इसे मँगवाने पर आपको निम्नलिखित वस्तुओं का समुच्चय आपको प्राप्त होगा।
चम्मच (श्रुवा)
स्टैंड
आचमन पात्र
सामग्री पात्र
हवन सामग्री
हवन कुंड
दीपक
हवन पत्रक
यज्ञ पुस्तक
समिधा
कपूर
हवन चलचित्र की सीडी
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