पुस्तकों का नाम – महाभारत की विशेष शिक्षाएँ
रामायण की विशेष शिक्षाएँ
लेखक का नाम – स्वामी ब्रह्ममुनि जी
भारत देश में दो प्राचीन इतिहास अतिप्रसिद्ध है। इस इतिहास में ऐतिहासिक घटनाओं के साथ-साथ अनेकों प्रेरणास्पद शिक्षाएँ भी है। इन महाकाव्यों में कई रहस्यमयी बातें भी है। इन महाकाव्यों के नाम है – रामायण और महाभारत
रामायण – संसार की विभिन्न भाषाओं में जो उच्चकोटि के महाकाव्य हैं उनमें रामायण का स्थान निःसंदेह सबसे ऊँचा है। इलियड़, ओडेंसी तथा अन्य प्राचीन ग्रन्थों में हमें महाकाव्य की अन्य विशेषतायें भले ही मिल जाती हैं किन्तु रामायण में जो आस्तिकता, धार्मिकता, प्रभुभक्ति और उच्च नैतिकता आदर्श का दर्शन स्थान-स्थान पर मिलता है वह अन्य विदेशीय भाषाओं के महाकाव्यों में देखने को बहुत कम मिलता है। यही कारण है कि आस्तिक संसार में साहित्यिक हृदय वाले मानवों के लिये रामायण से बढ़कर कोई दूसरा ग्रन्थ नहीं है।
आज के हिन्दी साहित्य में गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरितमानस का स्थान कितना ऊँचा है, यह किसी से अविदित नहीं है। भारत के प्रत्येक प्रांत में, नगर-नगर और ग्राम-ग्राम में और घर-घर में हिन्दी रामायण का गुटका तो मिल ही जायगा। उसके सरल हिन्दी भाषा में होने के कारण एक साधारण सा शिक्षित हिन्दू भी इसे पढ़ सकता है। इसके विपरीत वाल्मीकि रामायण संस्कृत में होने से साधारण जनता की सर्वप्रिय वस्तु नहीं बन सकी, यद्यपि महाकाव्य की दृष्टि से उसमें कोई त्रुटि नहीं और धार्मिक भावना तथा चरित्र-चित्रण आदि में तुलसी से अधिक उच्च स्थान रखती है।
प्रस्तुत पुस्तक रामायण की विशेष शिक्षाएँ में रामायण सिन्धु में जो अनमोल रत्न भरे पड़े थे और साधारण जनता के लिये अगम्य और दुष्प्राप्य थे उनकों संस्कृत के उद्भट् विद्वान श्री स्वामी ब्रह्ममुनि जी महाराज ने अपनी लौह लेखनी से मन्थन करके हमारे सम्मुख ला रखे हैं। वाल्मीकि रामायण के जगत प्रसिद्ध पात्रों का चरित्र चित्रण, उनके गुण और विशेषताओं का सजीव वर्णन लेखक ने सप्रमाण बड़े सुन्दर ढ़ग से किया है। साथ ही पुस्तक के उत्तरार्ध में रामायण काल के कला-कौशल, रीति-नीति आदि का जो दिगदर्शन कराया है वह समीचीन ही है। इस पुस्तक में न केवल रामायण पात्रों और शिक्षाओं का ही दर्शन होता है अपितु उसके दर्शकों को उन्नत बनाने में भी सहायता मिलेगी।
महाभारत – महाभारत वेदव्यास जी प्रोक्त एक विशाल महाकाव्य है। इसमें अनेकों नीतियाँ और शिक्षाओं तथा कलाओं का समावेश है। प्रस्तुत पुस्तक “महाभारत की विशेष शिक्षाएं” में महाभारत के ऐतिहासिक विवरण के स्थान पर उसमें निहित शिक्षाओं और कुछ शङ्काओं का समाधान किया गया है। इस पुस्तक से उपदेशक, व्याख्याता, कथावाचक, स्वाध्यायी, लेखक, विद्यार्थी एवं जन साधारण भी लाभ उठा सकेंगे।
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