प्रस्तुत पुस्तक एक अनूठी पुस्तक है। यह पुस्तक अनूठी इस कारण से भी है कि इसके लेखक तपस्वी, त्यागी, विद्वान् गवेषक प. लक्ष्मणजी आर्योपदेशक हैं।
श्रद्धेय लक्ष्मणजी ने यम नियमों, धर्म के दश लक्ष्णों को लेकर एक-एक का एक विषय बनाकर ऋषि जीवनी लिखी है। यथा ब्रहाचर्य से संबंधित घटनाओं का एक अध्याय, ईशोपासना का पृथक् अध्याय है। सत्यनिष्ठा, वेद निष्ठा पर अलग-अलग अध्याय देकर उस विषय की घटनायें चुन-चुन कर दी हैं।
आदि से अन्त तक लेखक शैली रोचक है. प्रेरक है, सरस है व सरल है। यह पुस्तक गुणियों, विद्वानों, युवक-युवतियों व अल्प शिक्षित वर्ग-सबके लिए उपयोगी व रुचिकर है।
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