कोश का नाम – संस्कृत- प्राकृत- हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश
संग्रहकर्त्ता – उदय चन्द्र जैन
भारत का प्राचीन साहित्य अधिकांशतः संस्कृत, प्राकृत भाषाओं में है। इन पर अध्ययन एवं अनुसन्धान के लिए इन दो भाषाओं का ज्ञान होना आवश्यक है। ऐसे में प्रारम्भ से हिन्दी, अंग्रेजी पढ़े विद्यार्थियों को शब्दों के अर्थ निर्धारण करने में समस्याएँ आती हैं। इस समस्या के निवारणार्थ संस्कृत, प्राकृत के अलग–अलग कोशों को क्रय करना पड़ता है। प्रस्तुत् कोश से इस समस्या का समाधान हो जाता है क्योंकि इसमें संस्कृत, प्राकृत, हिंदी, अंग्रेजी के शब्द एक-साथ उपलब्ध हैं। संस्कृत का प्राकृत, हिंदी, अंग्रेजी में अनुवाद किया हुआ है जिससे न केवल इन भाषाओं के साहित्य पढ़ने में आसानी होगी अपितु इनका तुलनात्मक अध्ययन भी किया जा सकेगा। कोशकार ने एक से अधिक शब्दों के अर्थ, शब्द विश्लेषण, विवेचन ओर कुछेक परिभाषाओं को कोश में संग्रहित किया है।
यह वेद, पुराण, उपनिषद् आदि के साथ–साथ जैन आगम, बौद्ध धारा के शब्दों से अलंकृत है।
साहित्य में रूचि रखने वालों के पास ये कोश अवश्य होना चाहिए।
इस कोश को vedrishi.com वेबसाईट से प्राप्त कर सकते हैं।
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