Vedrishi

Free Shipping Above ₹1500 On All Books | Minimum ₹500 Off On Shopping Above ₹10,000 | Minimum ₹2500 Off On Shopping Above ₹25,000 |
Free Shipping Above ₹1500 On All Books | Minimum ₹500 Off On Shopping Above ₹10,000 | Minimum ₹2500 Off On Shopping Above ₹25,000 |

उपनिषद् भाष्य

Upanishad Bhashya

50.00

Subject : Commentary of Upanishadas
Edition : 2017
Publishing Year : 2017
SKU # : 36750-VG00-0H
ISBN : N/A
Packing : Paperback
Pages : 336
Dimensions : 14X22X4
Weight : 388
Binding : Paperback
Share the book

मनुष्य सांसारिक दुःखों से सन्तप्त होकर सृष्टि के आदिकाल से परमशान्ति तथा शाश्वत सुख की खोज करता रहा है। सांसारिक भोगों के सुख क्षणिक तथा नश्वर होते हैं, उनमें शाश्वत-सुखों की आशा करना मरु-मरीचिकाओं में जल समझने के समान ही है। सांसारिक भोगों को भोगते-भोगते मानव समस्त जीवन बिता देता है, किन्तु परम सुख प्राप्त नहीं होता । महाराज भर्तृहरि ने ठीक ही कहा है कि- भोगा न भुक्ता वयमेव भुक्ताः ॥ (भर्तृहरि०)

अर्थात् भोग भोगे नहीं जा सकते, हमें ही भोग खा जाते हैं । अर्थात् जीवन समाप्त हो जाता है कि भोग-कामनाओं की तृप्ति नहीं होती । मनु जी के शब्दों में भोगों को भोगने से

न जातु कामः कामानामुपभोगेन शाम्यति ।

हविषा कृष्णवर्त्सव भूय एवाभिवर्धते ॥

कभी भी वासनाओं की शान्ति नहीं होती, प्रत्युत कामनाओं की वैसी ही वृद्धि होती है, जैसे घृतादि से अग्नि प्रचण्ड हो जाती है । धन-धान्यादि से सम्पन्न देश इस बात के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि उन देशों में भौतिक सुखों की न्यूनता न होते हुए भी सुख व शान्ति कहाँ ? उपनिषत्कार ने ठीक ही कहा है कि-

न वित्तेन तर्पणीयो मनुष्यः ।

अर्थात् मनुष्य सांसारिक धनों या पदार्थों से कभी तृप्त नहीं हो सकता । समस्त वैदिक दर्शनों का भी यही लक्ष्य रहा है कि शाश्वत-सुख (मोक्ष) कैसे उपलब्ध हो सके। संसार की प्राचीनतम पुस्तक ईश्वरीय ज्ञान वेदों में मोक्ष प्राप्ति या परम सुख का उपाय शुद्धान्त:करण करके धर्मानुष्ठान करते हुए परब्रह्म का जानना ही है। वेद में कहा है-

तमेव विदित्वातिमृत्युमेति नान्यः पन्था विद्यतेऽयनाय ।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Upanishad Bhashya”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recently Viewed

You're viewing: Upanishad Bhashya 50.00
Add to cart
Register

A link to set a new password will be sent to your email address.

Your personal data will be used to support your experience throughout this website, to manage access to your account, and for other purposes described in our privacy policy.

Lost Password

Lost your password? Please enter your username or email address. You will receive a link to create a new password via email.

Close
Close
Shopping cart
Close
Wishlist